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डॉ अंबेडकर ने कहा था कि – शिक्षा शेरनी का दूध है | जिसने एक बार इसे मन से पी लिया, किसी भी जंगल में उसका शिकार मुश्किल है | शिक्षा के माध्यम से व्यक्तिगत प्रगति का यह आवाहन सामाजिक रूपान्तरण में परिवर्तित हो जाता है | इसीलिए मेलसन मंडेला ने कहा – “Education is the most powerful weapon to change the world”.  तृतीय विश्व के देशों में भारत अपनी शिक्षा प्रणाली की प्रभावोत्पादकता के कारण विशिष्ट है | शिक्षा शान्ति की ओर ले जाने वाली शक्ति का सृजन करती है,  जो भारत की पहचान है | हिन्दी भाषी प्रदेशों में उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का विशिष्ट स्थान है | 1922 में स्थापित माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एक समय अजमेर से कलकत्ता तक विस्तारित था | 1924 में पहली बार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शीर्ष वरीयता प्राप्त बच्चों का ऐलान किया, जिसमे पहला स्थान पाने वाले विद्यार्थी का नाम था “दौलत सिंह कोठारी” | श्री कोठारी भारत सरकार के पहले विज्ञान सलाहकार तथा 1964 में शिक्षा के लिये गठित कोठारी आयोग के अध्यक्ष बने | 1972 में बेसिक शिक्षा की स्थापना के माध्यम से उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा को विशेष रूप से बल प्रदान करने का प्रयास आरम्भ किया गया | शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के माध्यम से 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को शिक्षा का मूल अधिकार प्रदान किया गया | नयी शिक्षा नीति के माध्यम से भारत अपने भविष्य के कर्णधारों को वर्तमान में सशक्त बनाने का सतत प्रयास जारी रखेगा |